मैं क्लियर कहूंगा कि नायब सिंह के लिए इस निर्णय के पीछे मनोहर लाल ही हैं: संजय भाटिया

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 09:26 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): मंगलवार को हरियाणा की राजनीति में घटे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद विधायक दल ने अपना नेता चुन लिया। नायब सिंह सैनी के रूप में प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिला। लेकिन मीडिया व सोशल मीडिया में कई नाम मुख्यमंत्री के लिए आते रहे यानि कई नामों पर कयास लगाए जाते रहे। जिसमें से एक नाम करनाल लोकसभा सांसद संजय भाटिया का भी था। मुख्य कारण था कि वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नवरत्नों में से एक है। उनसे पंजाब केसरी ने इस पूरे घटनाक्रम पर विशेष चर्चा की। इस दौरान कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री न बन पाने का दर्द भी उनके चेहरे से झलकता हुआ दिखा। उन्होंने नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ मनोहर लाल का बताते हुए कहा कि हमारी पार्टी- हमारे संगठन में पूरी तरह से लोकतंत्र है। जिसमें किसी भी आम कार्यकर्ता को किसी भी सर्वोच्च पद पर कभी भी बिठाया जा सकता है। हमारी पार्टी में सदा कार्यकर्ता की मेहनत का इनाम दिया जाने का प्रचलन रहा है। उनसे कई विषयों पर हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:-

प्रश्न :- आज घटे राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर आप क्या कहेंगे ?

उत्तर:- यह कोई राजनीतिक घटनाक्रम नहीं बल्कि राजनीतिक प्रक्रिया है। हमारे संगठन की यही प्रक्रिया है। किसी भी व्यक्ति को कोई भी दायित्व कभी भी मिल सकता है। यही हमारी पार्टी की खूबसूरती है।

प्रश्न:- ऐसा क्या हुआ कि मनोहर लाल जी को एकदम से हटना पड़ा ?

 उत्तर:- मैं इसे हटाना नहीं मान सकता बल्कि इसे दायित्व परिवर्तन कहूंगा। क्या पता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए कोई ओर भूमिका- कोई ओर काम सोचा होगा। हमारी पार्टी में लोकतंत्र है जो कि हमारा संगठन हर फैसला सामूहिक रूप से करता है।

प्रश्न:- नायब सिंह सैनी विधायक दल के नेता चुने गए, आपका क्या कहना है ?

उत्तर:- मैं इसका श्रेय भी मनोहर लाल जी को ही दूंगा। क्योंकि संगठन मंत्री के नाते एक शिल्पी के रूप में जिस प्रकार से उन्होंने कार्यकर्ता का निर्माण किया, यह वास्तव में बहुत हौसलावर्धक है। मैं नायब सिंह सैनी को बहुत अच्छी तरीके से जानता और समझता हूं। हमने एक साथ काम किया है। वह मनोहर लाल के साथ प्रदेश कार्यालय में भी रहे। मंत्री व सांसद भी रहे। आज मुख्यमंत्री हैं। इसे अगर रियल लोकतंत्र कहें तो कतई गलत नहीं होगा। जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस में परिवारवाद हावी है। हमारी पार्टी में साधारण कार्यकर्ता को कब सर्वोच्च पद पर बिठा दिया जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। मैं क्लियर कहूंगा कि नायब सिंह सैनी के लिए इस निर्णय के पीछे मनोहर लाल जी ही है।

प्रश्न:- उनके नवरत्नों में आप भी थे, आप भी उनके लाडले थे, लेकिन आपकी अनदेखी कैसे हुई ? 

उत्तर:- मेरे निर्माण में भी अगर कहूं तो सबसे बड़ा योगदान मनोहर लाल जी का रहा है। छात्र राजनीति से लेकर युवा मोर्चे में कार्यकर्ता के रूप में रहा हूं। उस वक्त वह संगठन मंत्री बनकर आए थे और मेरे जैसे सैकड़ो कार्यकर्ताओं का निर्माण उन्होंने किया है।

प्रश्न:- लेकिन सोशल मीडिया व मीडिया पर तो संजय भाटिया का नाम भी मुख्यमंत्री के लिए चल रहा था ?

उत्तर:- मैंने भी यह सुना। मेरे पास भी बहुत से फोन आए और जवाब देना मेरे लिए काफी मुश्किल था। क्योंकि किसी से मेरी इस बारे कोई बातचीत नहीं हुई थी। यह आप सभी लोगों का प्रेम था जो कि मेरा नाम आप लोगों ने चलाया होगा।

प्रश्न:- ऐसा चर्चाएं है कि मनोहर लाल लोकसभा करनाल से चुनाव लड़ेंगे और आप पानीपत शहरी विधानसभा सीट से ?

 उत्तर:- करनाल से मनोहर लाल लडे या मैं लड़ूं या मैं ना भी लडू, यह सुनिश्चित करना पार्टी संगठन का काम होता है। हमारी पार्टी में खुद कुछ भी तय नहीं किया जा सकता। अपनी इच्छाओं के मुताबिक यहां कोई जिम्मेदारी नहीं मिलती। मैं एक कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता के रूप में मुझे जो भी दायित्व पार्टी देगी, शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, संगठन जो भी ठीक समझेगा, मुझे जहां भी खड़ा किया जाएगा एक पैर पर खड़ा रहूंगा।

 प्रश्न:- जेजेपी के साथ गठबंधन का क्या रहा ?

उत्तर:- यह उनका निर्णय है और वही सही ढंग से इसे बता पाएंगे। हालांकि पार्टी की तरफ से अभी तक मैंने कोई ऐसा बयान नहीं सुना कि हम साथ नहीं है।

 प्रश्न:- आपके वरिष्ठ नेताओं द्वारा कई बार जेजेपी से नुकसान की बातें कही गई थी ?

उत्तर:- सभी अपने-अपने विचार रखते हैं। लेकिन एक पक्ष यह भी है कि उन्ही के कारण हमारी सरकार बनी थी। इसलिए दोनों पक्ष चलते रहते हैं। लेकिन इसका फैसला केवल और केवल पार्टी लेगी या यह संगठन का फैसला होगा।

प्रश्न:- हिसार सांसद बृजेंद्र सिंह भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए, क्या कारण मानते हैं ?

उत्तर:- इसके बारे तो वही ठीक ढंग से बता पाएंगे कि क्या कारण रहे। हालांकि उन्होंने दो-तीन कारण बताए हैं जो कि हल हो चुके हैं। यह पुरानी बातें थी। कोई नया कारण बताते तो समझ में आता। हालांकि वह मेरे अच्छे मित्र है। पार्लियामेंट में मैं उनके साथ ही बैठता था। आईएएस अधिकारी रहे हैं और मैंने पार्लियामेंट की एक्टिविटी उनसे काफी समझी है। वह एक अच्छा इंसान है और ईमानदार हैं। अब राजनीतिक रूप से उन्होंने क्या फैसला- क्यों लिया यह मेरी समझ से परे है।

प्रश्न:- अनिल विज की भयंकर नाराजगी का क्या कारण माने, आखिर क्यों इतने सीनियर नेता को विधायक दल की बैठक से उठकर बाहर आना पड़ा ? उत्तर:- अनिल विज मेरे फेवरेट लीडर है और बहुत श्रेष्ठ नेता है। वह राजनीति में मनोहर लाल की तरह सिद्धांतों पर चलने वाले नेता है। बहुत बेबाकी से अपनी बात रखने का उनका अंदाज है। विधायक दल की बैठक में भी पूरी सौहार्दपूर्ण तरीके से उन्होंने अपनी बात रखी। अपने विचार रखने के बाद वह वहां से चले गए।

प्रश्न:- फिर ऐसे विरोधाभास का कारण क्या माना जाए ?

 उत्तर:- मीटिंग लगभग कंप्लीट हो चुकी थी। कई बार ऐसा होता है कि जब कोई अपनी बात रखने के बाद इजाजत लेकर किसी दूसरे काम के लिए वहां से चला जाता है।

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Content Editor

Saurabh Pal

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