13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम की हटाने की मांग, SC-BC का विरोध प्रदर्शन

punjabkesari.in Wednesday, Mar 06, 2019 - 12:16 PM (IST)

गोहाना(सुनील जिंदल): गोहाना में एससी-बीसी एकता मंच ने राष्ट्रपति से 13 रोस्टर सिस्टम को हटाकर दोबारा 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम को लागू कराने की मांग को लेकर शहर में जुलूस निकाला और एसडीएम आशीष वशिष्ठ को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। मंच के सदस्यों का नेतृत्व हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के प्रधान धर्मपाल जेई ने किया। मंच का कहना है कि नया रोस्टर शुरू होने से एससी और ओबीसी समाज को विवि की नौकरियों में प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा।

गोहाना में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी महर्षि वाल्मीकि आश्रम में एकत्र हुए। यहां से जुलूस के रूप में लघु सचिवालय में पहुंचे। दलित आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारी रामकिशन छाछिया ने बताया कि पूरे देश में जातीय आधार पर एससी, ओबीसी और एसटी वर्ग को लेकर भारतीय संविधान में कुछ अधिकार सुरक्षित किए गए हैं। इस वर्ग के लोगों को मुख्य धारा में शामिल करने के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोर्ट में सही ढंग से पैरवी नहीं की, जिस के चलते आज एससी और ओबीसी समाज को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

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प्रदर्शन कर रहे एससी और ओबीसी समाज के लोगों ने कहा है कि पूरे भारत में जातीय आधार पर एससी ओबीसी एसटी वर्ग के गरीब लचर व कमजोर व्यक्ति को भारतीय सविधान में कुछ अधिकार सुरक्षित रखे गए हैं, ताकि उनको सरकारी नौकरियों में उनका हक मिल सके। इन्हीं अधिकारों के आधार पर 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम पूरे देश के नागरिकों पर लागू था, लेकिन इलाहबाद हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट 200 प्वाइंट रोस्टर पर रोक लगा दी। 13 प्वाइंट रोस्टर लागू कर दिया। 

200 प्वाइंट रोस्टर में जैसे जो नियुक्तियां निकलती थी, उनको कुलयोग माना जाता था और भर्तियां की जाती थी, लेकिन अब 13 प्वाइंट रोस्टर में किसी यूनिवर्सिटी में पद निकले तो उनको विभाग की एक ईकाई मानकर भर्ती की जाएगी। इससे एससी ओबीसी एसटी समाज को नौकरियों में बड़ा नुकसान होगा। इसके लिए दोबारा से 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने की मांग को लेकर आज गोहाना में एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर मांग की गई है।
 


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Shivam

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