जिन अध्यापकों को वैक्सीन नहीं लग पाई है, उनके लिए विशेष अभियान चलाएंगे : कंवरपाल गुर्जर

punjabkesari.in Wednesday, Sep 01, 2021 - 04:51 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): करनाल में किसानों पर की गई लाठीचार्ज को लेकर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा दिए गए बयानों को लेकर प्रदेश के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा है कि सरकार ने कानून व्यवस्था को ठीक रखने के लिए इस प्रकार का फैसला लिया। मैं सत्यपाल मलिक जी की इस प्रकार की बयानबाजी से बिल्कुल सहमत नहीं हूं। कोई भी सरकार होती इसी प्रकार का क निर्णय लेना उसकी मजबूरी होती।

अगर आंदोलनकारी लोग इस प्रकार की व्यवस्था खड़ी करने की कोशिश करेंगे तो सरकार को इसी प्रकार के निर्णय लेने पड़ेंगे। गुर्जर ने कहा कि उनका राज्यपाल का कार्यकाल खत्म होने को है और वह भविष्य की राजनीति को देखते हुए इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। लेकिन इस पद पर बैठकर इस प्रकार की बयानबाजी शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि मैं महामहिम राज्यपाल से निवेदन करता हूं कि अपने पद से रिजाइन देकर अगर इस आंदोलन का समर्थन करना चाहते हैं तो इसमें शामिल हो। क्योंकि वह एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं और उनके नेतृत्व में आंदोलन को भी सही दिशा मिलेगी।

कंवरपाल गुर्जर ने सत्यपाल मलिक से पूछा कि जब वह कश्मीर के गवर्नर थे, उनके हाथ में प्रशासन था।ऐसी परिस्थितियां सामने आने पर वह क्या निर्णय लेते थे ? बता दें कि सत्यपाल मलिक उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से संबंध रखते हैं और जाट बाहुल्य इस क्षेत्र के पड़ोसी जिले मुजफ्फरनगर से राकेश टिकैत भी संबंध रखते हैं और सत्यपाल मलिक अपने क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह इस समय मेघालय के राज्यपाल हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर, बिहार और गोवा के राज्यपाल भी रह चुके हैं और उनके इस प्रकार के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के लोगों में काफी नाराजगी और हैरानी देखी जा रही है।

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हमारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मेरिट के आधार पर नौकरी दी। किसानों को फसलों के अच्छे दाम दिए। किसानों की फसल नष्ट होने पर उन्हें मुआवजा दिया। नए-नए कॉलेज खोलें। संस्कृति मॉडल स्कूल खोलें। लेकिन कांग्रेस को कुछ भी नजर नहीं आया। हमारी सारी व्यवस्थाएं-सारी नीतियां सारे देश को नजर आ रही है। लेकिन कांग्रेस को कुछ नजर नहीं आ रहा और अगर उन्हें नजर नहीं आ रहा तो यह समस्या कांग्रेस की है, हमारी नहीं। कंवरपाल गुर्जर ने करनाल में लाठीचार्ज के वक्त वहां के एसडीएम द्वारा बोले गए शब्दों पर असहमति जताते हुए कहा कि मुझे उनके शब्दों का चयन ठीक नहीं लगा। उन्हें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।

इस मौके पर शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने उस वाक्य का भी जिक्र किया जिसमें कुछ लोग पुलिसवालों को कौम का गद्दार कहकर संबोधित कर रहे थे। गुर्जर ने कहा कि ऐसे लोगों से पूछना चाहिए कि आंदोलन कोम का चल रहा है या किसानों का। क्योंकि अभी तक तो यह आंदोलन किसानों का बता रहे थे। फिर वह कौम का गद्दार कैसे हुआ ?पुलिसकर्मियों की जो ड्यूटी थी, धर्म था, उसका पालन किया है। उसने ड्यूटी ज्वाइन करते समय जो कसम खाई थी, उसने वह कसम निभाई है। इस प्रकार से किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा कहना बिल्कुल गलत है। आंदोलन का समर्थन करने वाली राजनीतिक पार्टियों को इस प्रकार के व्यवहार की आलोचना करनी चाहिए थी।लेकिन किसी के द्वारा ऐसा बयान न आने से लगता है कि वह लोग भी इनका समर्थन कर रहे हैं। यह बयान केवल गलत ही नहीं, बल्कि असवैंधानिक है।

हाल ही में एम्स के डायरेक्टर द्वारा तीसरी लहर के खतरनाक रुख बारे सवाल पर कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हम तीसरी लहर का इंतजार नहीं कर सकते। जो भी राय विशेषज्ञ तीसरी लहर के बारे दे रहे हैं, उसकी तरफ भी हमारा विशेष ध्यान है। इस प्रकार की परिस्थिति आने पर हमारी प्राथमिकता बच्चों का स्वास्थ्य रहेगी। एजुकेशन भी जरूरी है। लेकिन उससे जरूरी बच्चों का स्वास्थ्य है। उसी हिसाब से बच्चों के स्कूलों बारे फैसला लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अध्यापकों को वैक्सीन अभी तक नहीं लग पाई है, उनके लिए अगर कोई विशेष अभियान भी चलाना पड़ा तो वह भी चलाएंगे।

 

 


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Content Writer

Isha

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