टर्मिनेटेड एम्प्लायज वैल्फेयर बिल 2020 ने उद्योगपतियों की बढाई मुश्किलें, फैली दहशत

punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 11:29 AM (IST)

फरीदाबाद (महावीर) : टर्मिनेटेड एम्प्लायज वैल्फेयर बिल 2020 ने उद्योगपतियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालांकि इस बिल पर अभी निर्णय होना बाकी है लेकिन इस बिल में कर्मचारियों के हित में जो प्रावधान किए गए हैं, उससे उद्योग जगत बर्बादी की कगार पर पहुंच सकता है। यही कारण है कि उद्योगपति इस बिल को लेकर दहशत में हैं। संसद में यह बिल इसी माह रखा गया था।

टर्मिनेटेड एम्प्लायज वैल्फेयर बिल 2020 को उद्योगपति उद्योग जगत के लिए काला बिल करार दे रहे हैं। भाजपा सांसद राकेश सिन्हा द्वारा तैयार किए गए इस बिल में तमाम प्रावधान कर्मचारियों के हित में तो हैं लेकिन उद्योग जगत को बर्बादी की कगाार पर ला सकते हैं। इस बिल में कहा गया है कि कोई भी कम्पनी यदि कर्मचारी को किसी भी स्थिति में हटाती है तो ऐसे में उस कर्मचारी को 9 माह का वेतन सुरक्षा के तौर पर देगी।

इस बिल में यह भी लिखा है कि यदि आॢथक मंदी और तकनीकी परिवर्तनों या कम्पनी के दिवालिया घोषित होने पर भी कर्मचारियों को 9 माह का वेतन सुरक्षा के तौर पर देना होगा। किसी कोर्ट के आदेश या प्राकृतिक नुक्सान और किसी सरकारी आदेशों के कारण हुए बदलाव से भी निकाले जाने पर कम्पनी कर्मचारियों को 9 माह का वेतन देगी। बिल में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह नियम स्थायी कर्मचारियों के साथ-साथ अस्थायी कर्मचारियों व कांट्रैक्ट कर्मचारियों पर भी लागू होगा।

यदि इस बिल को संसद में पास कर दिया जाता है तो यह बिल ऐसी कम्पनियों व उद्योगों पर लागू होगा जहां 10 या 10 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। उद्योग जगत इस बिल को लेकर काफी परेशान हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि यदि यह बिल संसद में पास हो जाता है तो उद्योगपतियों के लिए काला अध्याय होगा।


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Isha

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