शहर में चल रहा नकली दवाइयों का असली खेल, मुनाफे के चक्कर में जिंदगी से खिलवाड़

punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2019 - 02:46 PM (IST)

रोहतक(स.ह.): मैडीकल सिटी रोहतक हैल्थ सैक्टर में खूब नाम कमा रही है लेकिन दूसरी तरफ यहां नकली दवाइयों का कारोबार भी खूब सिर उठा रहा है। लेकिन इस बात से शहर के लोग और ड्रग डिपार्टमैंट दोनों ही बे खबर हैं। तभी तो आज तक ड्रग डिर्पाटमैंट के पास नकली दवाइयों से संबंधित शिकायत तक नहीं आती। जबकि चोरी-छिपे कई मैडीकल स्टोर नकली दवाइयों की सेल धड़ल्ले से कर रहे हैं।  शहर में कई दवाई विक्रेता खुलेआम नकली दवाइयां बेच रहे हैं और इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है। दवाइयों के धंधे से जुड़े सूत्रों का दावा है कि जिले में रोजाना 4-5 लाख रुपए की नकली दवाइयां आराम से खपा दी जाती हैं। अधिकांश कैमिस्ट अपने यहां नकली और असली, दोनों तरह की दवाई रखते हैं, जिन्हें पहचानना पढ़े-लिखे ग्राहक के वश की भी बात नहीं होती।

दवाइयों के कारोबार से जुड़े सूत्रों के अनुसार आसपास के कस्बों और शहरों में भी यहां से नकली दवाइयों की सप्लाई होती है। दवाई विक्रताओं का गणित यह है कि नकली दवाइयां बेचने से उन्हें अधिक मुनाफा होता है और यह माॢजन असली दवाइयों की बिक्री में नहीं है। कई दवाई विक्रेता नकली दवाइयों के धंधे से रोजाना मोटी कमाई कर रहे हैं। अधिकांश कैमिस्ट दवाई के साथ कैश मेमो नहीं देते हैं और जो देते हैं, वे उसमें दवाई के नाम के साथ उसका बैच नंबर नहीं लिखते। मासूम लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले इस धंधे को रोकने के नाम पर प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है।

दिल्ली से लाकर बेची जाती हैं नकली दवाइयां
नाम न बताने की शर्त पर एक मैडीकल स्टोर वाले ने बताया कि नकली दवाइयों को यहां दिल्ली से लाया जाता है। वहां से लाईं गई दवाइयों में असली और नकली में अंतर कर पाना आसान नहीं होता। इसकी के चलते इन दवाइयों को आसानी से ग्राहकों को बेच दिया जाता है। इनकी कीमत भी असली दवाओं से कम होती है।

असली-नकली में फर्क करना बेहद मुश्किल 
सिविल हॉस्पिटल में दवाई लेने आए युवक अमित ने बताया कि डाक्टरों की लिखी गईं दवाइयों को हम बाजार से खरीद तो लेते हैं लेकिन वह दवाई असली है या नकली इसका पता हम कैसे लगाएं। ऐसे में आंख बंद कर विश्वास करना ही पड़ता है, वहीं नेहा ने बताया कि असली और नकली दवाइयों का फर्क अस्पताल प्रबंधन को ही लोगों को बताना चाहिए। साथ ही इस बारे में लोगों को जागरूक भी करना चाहिए।

डा. मनदीप मान, ड्रग्स कंट्रोलर अधिकारी ने कहा कि नकली दवाइयों के बारे में जब भी सूचना या शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत प्रभाव से एक्शन लिया जाता है। समय-समय पर चैकिंग अभियान भी चलाया जाता है। नकली दवाइयों के कारोबार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
    


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Edited By

vinod kumar

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