तुगलकी फरमान: पंचायती फैसले से विधवा पर हुआ अत्याचार, सुना डाली ये सजा

punjabkesari.in Friday, Jun 19, 2020 - 09:04 PM (IST)

फतेहाबाद (रमेश भट्ट): फतेहाबाद के भूना क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए गांव की एक विधवा महिला को 15 साल तक गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सुनाया है। फैसले के मुताबिक विधवा महिला 15 साल तक अपने ससुराल में नहीं आएगी और मायके में ही अपने माता-पिता के पास रहेगी। इस पंचायती फरमान से पीड़ित विधवा महिला परेशान है और अपने पिता के घर मायके में रहते हुए खुद को असहज महसूस कर रही है, क्योंकि फैसला पंचायती तौर पर हुआ है इसलिए उसके साथ कानूनी तौर पर इस फैसले के खिलाफ जाने की लड़ाई लडऩे के लिए कोई सहारा नहीं है।

पति की मौत का पीड़िता पर किया गया
जबकि पीड़िता चाहती है कि वह अपने ससुराल में रहे और अपने बच्चों की परवरिश अपने पति की विरासत पर रहकर करे। पीड़िता के 2 बच्चे हैं। पीड़िता ने बताया कि उसके पति की मौत हो गई थी और मौत के लिए शुरुआती तौर पर उसे जिम्मेदार ठहराया गया था, लेकिन बाद में जांच पड़ताल में साफ हो गया कि पति की मौत को लेकर उस पर किया गया शक झूठा था। इसके बाद ससुरालजनों ने प्रॉपर्टी को लेकर उसके साथ विवाद किया और बाद में पंचायती तौर पर फैसला हुआ कि विधवा महिला के पति के हिस्से की जमीन उसके बच्चों को दी जाएगी। 

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ससुराल में रहना चाहती है पीड़िता
पीड़िता ने इस पंचायती फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक पंचायत मेरी जिंदगी का फैसला करने वाली कौन होती है? महिला ने पंचायत के लोगों से सवाल किया है कि शादी के बाद क्या कोई महिला अपने पिता के घर रहते हुए अच्छी लगती है? पीड़िता चाहती है कि वह अपने ससुराल में रहे और अपने बच्चों के साथ रहकर अपनी जिंदगी बसर करे। 

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सरपंच ने खुद दी जानकारी
इस पूरे मामले पर पंचायती फरमान जारी करने वाले गांव ढाणी भोजराज के सरपंच से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायती तौर पर यह फैसला हुआ है विधवा महिला 15 साल तक अपने मायके में रहेगी और ससुराल में नहीं आएगी। सरपंच ने बताया कि महिला का अपने ससुराल जनों से पति की मौत के बाद कुछ विवाद हो गया था, जिसके बाद गांव में पंचायत हुई और पंचायती तौर पर यह फैसला हुआ कि मृतक व्यक्ति के बच्चों को उसके हिस्से की जमीन दी जाए। मृतक की पत्नी यहां अपने ससुराल में न रहकर अपने मायके में पिता के पास रहे। 

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बीडीपीओ बोले- होगी कानूनी कार्रवाई
हालांकि इस तरह के फरमान जारी करने को लेकर जब खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में ग्राम पंचायत ने इस तरह का फैसला लिया है तो यह कानूनी रूप से जायज नहीं है। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी महेंद्र सिंह नेहरा ने बताया कि ग्राम पंचायत के लेटर पैड पर लिखित तौर पर इस तरह का फैसला जारी किया है जो कि पूरी तरह से गलत है और कानून के खिलाफ है। अधिकारी ने कहा कि मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी और उनके आदेशानुसार सरपंच व जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यदि महिला अपने ससुराल में रहना चाहती है या अपनी मर्जी से जहां भी रहना चाहती है उसको लेकर पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है।


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Shivam

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