Tohana: इलाज न मिलने पर सड़क पर हुई डिलीवरी, नवजात बच्ची की मौत, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
punjabkesari.in Sunday, Aug 24, 2025 - 08:04 PM (IST)

टोहाना (सुशील सिंगला): फतेहाबाद जिले के टोहाना में संगरूर जिले के गांव भुल्लन निवासी मुकेश कुमार ने निजी अस्पताल बिमल हॉस्पिटल की संचालिका एवं महिला चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत सौंपी है। शिकायत में कहा गया है कि डिलीवरी के समय चिकित्सक द्वारा इलाज न करने के चलते उसकी पत्नी को सड़क पर बच्ची को जन्म देना पड़ा, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही शहर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। मृत नवजात बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
परिजनों की शिकायत
मुकेश कुमार के अनुसार, उसकी गर्भवती पत्नी पिंकी का इलाज उक्त निजी अस्पताल में पिछले कई महीनों से चल रहा था। रविवार तड़के करीब 3 बजे पिंकी को डिलीवरी का दर्द शुरू हुआ। सुबह करीब 8:04 बजे वे उसे लेकर बिमल अस्पताल पहुंचे। शिकायत के अनुसार, जब उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा तेज हुई, तो लगभग 15 मिनट बाद महिला चिकित्सक बाहर आईं। इस दौरान मुकेश का दावा है कि उसकी पत्नी के गर्भ से बच्चा आधा बाहर आ चुका था, लेकिन महिला चिकित्सक ने इलाज करने की बजाय उन्हें अस्पताल से जाने को कह दिया।
मुकेश ने बताया कि वे पत्नी को निजी वाहन से कल्याणी अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही सड़क पर डिलीवरी हो गई और बच्ची मृत पैदा हुई। मुकेश का आरोप है कि यदि समय रहते चिकित्सक इलाज करतीं, तो उनकी बच्ची की जान बच सकती थी। उन्होंने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए संचालिका का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है। मुकेश ने यह भी बताया कि गर्भावस्था के दौरान दो बार अल्ट्रासाउंड कराया गया था, जिसमें बच्चा उल्टा पाया गया था, लेकिन चिकित्सक ने सामान्य डिलीवरी का भरोसा दिलाया था। यदि उन्हें पहले ही सच बताया जाता, तो वे अन्य उपाय कर सकते थे।
पुलिस का बयान
शहर थाना से एसआई दिलबाग सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। मृत नवजात का पोस्टमार्टम करवाया गया है, जिसके बाद शव को अग्रोहा रेफर कर दिया है। आगे की कार्रवाई परिजनों के बयानों के आधार पर की जाएगी।
अस्पताल संचालिका का पक्ष
अस्पताल संचालिका डॉ. बिमल मोर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि उनका क्लिनिक केवल देखरेख (केयर) के लिए है, न कि डिलीवरी के लिए। उन्होंने बताया कि मरीज को 9 महीने की अवधि पूरी होने पर रेफर कर दिया गया था, क्योंकि बच्चा उल्टा था। अस्पताल में किसी प्रकार की डिलीवरी नहीं की जाती।
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