तिरंगा यात्रा में हजारों की संख्या में दादरी और लोहारु से ही ट्रैक्टर आए थे, ना कि पाकिस्तान से: विनोद

punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 07:26 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): सीएम मनोहर लाल के प्रिंसिपल मीडिया सलाहकार विनोद मेहता ने बीजेपी की तिरंगा यात्रा को लेकर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बाजरे का भाव 2150 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, सरसों का बाजार का दाम 7 हजार रुपये पार कर गया है और किसानों के खाते में सीधा पैसा आ रहा है, ऐसे में बीजेपी की तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में किसानों का शामिल होना बताने के लिए काफी है कि वो किस के साथ हैं। प्रदेश का किसान अपनी तरक्की के साथ है, ना कि उन  किसान नेताओं के साथ जो कि किसानी के नाम पर भय और भ्रम का व्यापार कर रहे हैं और उसका सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।    

तिरंगा यात्रा में जो किसानों की भीड़ उमड़ी है, वो उनके भय और भ्रम को एक्सपोज करता है। यात्रा में हजारों की संख्या में दादरी और लोहारु से ही ट्रैक्टर आए थे, न कि पाकिस्तान से। मेहता के मुताबिक तिरंगा यात्रा की कामयाबी संयुक्त किसान मोर्चे के उन नेताओं को बताने के लिए काफी है, जो कि खुद को देश के संविधान से भी ऊपर समझने लग गए थे। वैसे भी लोहारु एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र रहा है, जो लंबे वक्त से पानी की कमी से जूझता रहा है, वहां की नहरें पानी के लिए तरसती रही, जिसके पानी की कमी के चलते फसले सूख जाती थी, किसान के हाथ खाली रह जाते थे, लेकिन मनोहर लाल सरकार बनने के बाद लोहारु में बहुत कुछ बदल गया, नहरों में पानी आने लग गया, जिसका नतीजा ये रहा कि वहां भी फसलें लहलहाने लग गई। 

दूसरी तरफ वहां होने वाली बाजरे और सरसों की फसल पर एमएसपी भी खूब दिया गया। जहां बाजरे पर एमएसपी 2150 रुपये प्रति क्विंटल दिया गया, वही सरसों बाजार में 7 हजार से ऊपर के भाव पर बिकी, जोकि एमएसपी से कहीं ज्यादा था। विनोद मेहता ने कहा कि ऐसे में कौन सा किसान राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी जैसे नेताओं के साथ जाएगा, जोकि उनकी आड़ में अपनी सियासत कर रहे हैं और अपने बर्बाद राजनीतिक करियर को चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। मेहता ने कहा कि जो ये मान कर चल रहे थे कि प्रदेश का किसान वही करेगा जैसा वो कहेंगे, सरकार के नुमाइंदों के विरोध में शामिल राजनीतिक लोगों की मौजूदगी से उन्हें शायद ये गलतफहमी हो गई थी कि सभी किसान उन्हीं की तरह सोचते हैं, प्रदेश का हर किसान प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से आंदोलन में जरुर शामिल है। 

उन्होंने कहा कि कई किसान नेताओं ने अपने राजनीतिक ख्वाब भी बुनने शुरु कर दिए थे, लेकिन बहल से लेकर लोहारु तक हुई बीजेपी की तिरंगा यात्रा में किसानों की बड़ी तादाद में भागीदारी ने उन नेताओं के ख्वाबों को पलीता लगा दिया है। मेहता ने कहा कि लाखों ट्रैक्टर दिल्ली तक ले लाने की बात करने वाले किसान नेता अपनी बात पर तो खरे नहीं उतर पाए लेकिन यात्रा के समर्थन में हजारों ट्रैक्टर जरुर आ गए।
 

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Content Writer

vinod kumar

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