पहलवान सुशील ने CWG में जीता गोल्ड, हिमाचल बस हादसे में मारे बच्चों को समर्पित की जीत (VIDEO)

punjabkesari.in Thursday, Apr 12, 2018 - 03:37 PM (IST)

दिल्ली(ब्यूरो): 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में 8वें दिन भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा बना हुआ है। हरियाणा के बेटे पहलवान सुशील कुमार ने राष्ट्रमंडल खेलों में अपने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक के साथ ही भारत की झोली में 14वां स्वर्ण पदक डाल दिया है। सुशील ने  80 सेकेंड में पुरुषों की 74 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा में दक्षिण अफ्रीका के जोहानेस बोथा को 10-0 से मात देकर राष्ट्रमंडल खेलों का तीसरा स्वर्ण पदक जीता। इतना ही नहीं सुशील ने अपनी जीत को परिवार, कोच, स्वामी रामदेव अौर हिमाचल में बस हादसे का शिकार हुए बच्चों को समर्पित किया है। 
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14 साल की उम्र में शुरू की थी पहलवानी
सुशील का जन्म 26 मई 1983 को नजफगढ़ के पास बारपोला गांव में हुआ था। उन्होंने 14 साल की उम्र से ही पहलवानी शुरू कर दी थी। सुशील ने अपने गुरू की बेटी से ही शादी की थी और उन्होंने पहली मुलाकात में ही अपनी लाइफ सावी को देखा था। 2010 नवंबर में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद दिल्ली में दोनों की सगाई हुई थी और सगाई के दिन ही सुशील ने सावी को देखा था। इसके बाद वर्ष 2011 फरवरी में दोनों की शादी हो गई। आज सुशील और सावी के जुड़वा बेटे भी हैं।
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कॉमनवेल्थ गेम्स में पूरी की पदकों की हैट्रिक
सुशील कुमार ने 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 66 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। जबकि ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, लेकिन तब उन्होंने 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल भार वर्ग में भाग लिया था। इस जीत के साथ ही उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने पदकों की हैट्रिक पूरी की है
 

इन लोगों को समर्पित की अपनी जीत
सुशील कुमार ने अपनी इस जीत को परिवार, कोच और स्वामी रामदेव को समर्पित करने के साथ ही उन बच्चों को भी समर्पित किया है, जो कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश में हुए बस एक्सीडेंट में इस दुनिया को छोड़ गए चले गए थे। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर में कुछ दिन पहले एक प्राइवेट स्कूल की बस हादसे का शिकार हो गई थी, जिसे 27 लोगों की मौत हो गई थी। बस में 35 बच्चे थे मरने वालों में एक ड्राइवर, दो टीचर और बाकी बच्चे।

 

 


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Nisha Bhardwaj

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