तथ्य छुपाकर नौकरी हासिल करने के दोषी पाए गए प्रिंसिपल बाजपेई

punjabkesari.in Sunday, May 29, 2016 - 01:09 PM (IST)

जगाधरी: महाराजा अग्रसेन कॉलेज (सह शिक्षा) जगाधरी के प्रिंसिपल प्रमोद कुमार बाजपेई की उलटी गिनती शुरू हो गई है। एडवोकेट जी.डी. गुप्ता की जनहित याचिका के बाद अदालत ने अपने खिलाफ तथ्य छुपाने और धोखे से नौकरी का दोषी पाया है और विभाग व कॉलेज प्रधान देस राज गोयल को मामले में तुरंत कार्रवाई करने के अादेश दिए हैं। 

 

जानकारी के अनुसार प्रमोद कुमार बाजपेई ने महाराजा अग्रसेन कॉलेज में प्रिंसिपल पद की नियुक्ति पाने के लिए उनपर राजस्थान के उदयपुर में यौन शोषण के गंभीर अपराध में चल रहे फौजदारी के मुकद्दमे के तथ्य को छिपाए थे। इतना ही नहीं राजस्थान महिला आयोग ने अपने एक निर्णय में यह पारित किया था कि प्रमोद कुमार बाजपेई को किसी ऐसे पद पर न नियुक्त किया जाए, जहां उसका संपर्क महिलाओ के साथ हो, क्योंकि वह महिलाओं के प्रति गंदी मानसिकता का रोगी है। लेकिन इसके बावजूद प्रमोद कुमार बाजपेई ने तथ्य छिपाए और प्रिंसिपल की नौकरी हासिक की। 

 

इसका पता चलते ही अधिवक्ता जी.डी. गुप्ता ने मामले की तह तक जाकर सारे तथ्य एकत्र किए व विभिन्न सबूतों को कॉलेज प्रबंधन, यूनिवर्सिटी, शिक्षा विभाग व हरियाणा सरकार की जानकारी में आवश्यक कार्रवाई हेतु लाया। परन्तु प्रमोद कुमार बाजपेई की पहुंच व जोड़-तोड़ के कारण किसी ने कोई कार्रवाई न की। इसके बाद गुप्ता ने इस मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने निदेशक, उच्तर शिक्षा विभाग, हरियाणा को याचिकार्ता के प्रतिवेदन पर जांच कर आदेश पारित करने के निर्देश दिए।

 

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