अभय चौटाला को केवल विरोध के लिए सदन से बाहर टिप्पणियां करनी हैं तो वह उनकी सोच है: रणबीर गंगवा

punjabkesari.in Friday, Aug 28, 2020 - 09:05 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा सैशन में विधानसभा स्पीकर की अहम जिम्मेदारी निभाने वाले डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा से पंजाब केसरी के विशेष प्रतिनिधि चन्द्रशेखर धरणी ने अहम बातचीत की। इस मौके पर गंगवा ने सभी सदस्यों का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि विधायक को अपनी और हाउस की गरिमा का ध्यान रखते हुए बात करनी चाहिए। सांसद हो या विधायक दोनो ही जनता के चुने नुमाइन्दे होते हैं ।अभय चौटाला को केवल विरोध के लिए सदन से बाहर टिप्पणियां करनी हैं तो वह उनकी सोच है। इसलिए हमारा फर्ज है कि हर शब्द जनता की आवाज बनकर निकले न की राजनीति द्वेष के चलते। उनसे बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैंः-

प्रश्न : विधानसभा स्पीकर बिमार हैं, मुख्यमन्त्री भी अनुपस्थित रहे। आपने स्पीकर की जिम्मेदारी निभाई, कितने विधायक मौजूद थे, कितने कोरोना पीडित हैं, क्या स्थिति है ?
उतरः- सबसे पहले तो मैं सभी विपक्ष और सरकार के विधायकों का तहदिल से आभार व्यक्त करूंगा कि उन्होने एकमत होकर सहमति से 1 दिन का सैशन करने का काम किया। आज कोरोना पीक पर है। हमारे 8 मैम्बर जिसमें मुख्यमन्त्री, स्पीकर और 2 मन्त्रियों समेत 8 मैम्बर कोरोना पाजिटिव हैं। इनके साथ ही 6 विधानसभा के कर्मचारी, सिक्योरिटी व अन्य कर्मचारियों जिनकी संख्या करीब 750 होती हैं उनमें से भी 11 पाजिटिव पाए गए। इन चीजों को देखते हुए हमने बी.ए.सी. के अन्दर निर्णय लिया कि इस सैशन को केवल 1 दिन रखें। 1 दिन के अन्दर जोे प्रशनकाल था उसको भी जो उतर सरकार की तरफ से आए उनको लेडाउन कर दिया और जो 2 कालिंग अटैन्शन जिन्हे मन्जूर किया गया था। उसके भी उतर दे दिए गए। उस पर भी कोई बैठक, चर्चा नही हुई। क्योंकि समय कम था और काम पूरा करना था। इसमें सदस्यों का पूरा सहयोग रहा। जंहा तक अनुपस्थिति की बात है हमारे 5 सदस्य अनुपस्थित रहे।

प्रश्न : अभय चैटाला ने आज के सैशन को मछली बाजार की संज्ञा दी है ?
उतरः- अभय चैटाला जी बहुत सीनियर मैम्बर हैं और उनको हालात का भी पता है। अगर फिर भी केवल और केवल विरोध में ही बोलना है तो बोलें। जो 2 कालिंग अटैनशन थे वो दोनो ही अभय चैटाला के थ। हमने उन्हे मन्जूर करने का काम किया और उनको जवाब भी दिया। उनको हमने कहा भी कि ये जो मानसून सैशन है इसको हम समाप्त नही कर रहे। इसको गर्वनर के पास भी समाप्ती के लिए नही भेजा जाएगा। अभी हम इसे आन रखेगें। जैसे ही हालात ठीक हो जाएगें तो स्पीकर साहब के आदेश पर दोबारा सैशन बुला सकते हैं। फिर इस पर विस्तृत रूप से चर्चा कर लेना। ये तमाम बातें सभी मैम्बरों के सामने हो गई थी। आम सहमति से ही सैशन चलाने का काम हुआ।

बी.ए.सी के अन्दर नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहे। पंचायती राज से सम्बन्धित बिल पर विस्तृत चर्चा की बात हुडा ने कही। इसलिए हमने उसको कार्यसूचि में ही नही डाला और दूसरा बिल था उस पर भी उन्होने लम्बी बहस की बात कही थी। उसको भी विचाराधीन छोडा गया। जो बिल पास हुए उन पर भी तमाम मैम्बरों की सहमति ली गई। जिस पर किसी का एतराज नजर नही आया। इसके बाद तो मुझे लगता है कि किसी को कोई शिकायत नही रहनी चाहिए।

प्रश्न : नेता प्रतिपक्ष एवम् पूर्व मुख्यमन्त्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने भी प्रैस कान्फ्रैन्स मे कहा कि बिजनैस एडवायजरी कमेटी में जो तय हुआ उसके विपरीत सब कुछ हुआ ?
उतरः- बिल्कुल नही, बिजनेस एडवायजरी कमेटी में जो तय हुआ था। वो ही हमने किया और बल्कि हुडडा ने जो कहा वो बात हमने मानी। इसलिए वो बिल पैन्डिंग में डाली। ताकि आने वाले टाईम पर जब हालात ठीक हो जाएगें तब उन पर पूरी डिस्कस करेगें।

प्रश्न : काग्रेंस के विधायकों द्वारा मास्क पर कोरोना में भ्रष्टाचार लिखकर अपना विरोधात्मक प्रदर्शन करना, इसे कितना जायज मानते हैं ?
उतरः- इस प्रकार से लिखकर आना तो अच्छी बात नही है। तमाम मैम्बर तो लिखकर नही आए थे कोई एक-आध लिखकर आया था। ऐसे नही करना चाहिए। विधायक की अपनी भी गरिमा होती है और हाउस लोगों की बात उठाने के लिए है। लोगों की मुद्दे उठाने के लिए है। इस प्रकार से लिखकर आना गलत है। तमाम देश की जनता देख रही होती है। सांसद, विधायकों को जनता चुनकर भेजती है। इसलिए आचरण अच्छा होेना चाहिए।

प्रश्न :  बी.जे.पी. की पार्ट 1 की सरकार में स्पीकर तो कंवरपाल गुज्जर थे और नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चैटाला। चैटाला के भी इस प्रकार से विरोधात्मक प्रदर्शन को देखते हुए उन्हे चेतावनी दी गई थी ?
उतरः-मेरे संज्ञान में तो अभी तक ऐसी कोई बात नही आई कि ओपन ऐसा कुछ हुआ हो। अगर आई होती तो हम भी कह देते। फिर भी मैं आपके माध्यम से तमाम मैम्बर साहिबान से निवेदन करता हूं कि इस प्रकार की कोई भी बात हाउस में नही होनी चाहिए। हमें सबको मिलकर एक आदर्श स्थापित करना चाहिए। चाहे विपक्ष के विधायक हो या सरकार के सभी को जनता की भलाई को सोचकर बोलना चाहिए। हंा अपनी बात को जोरदार तरीके से जरूर रखंे। हम विपक्ष के साथियों को हमेशा बोलने का ज्यादा मौका देते हैं।


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Manisha rana

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