केंद्र में कुर्सी जनता की बदौलत नहीं, छोटूराम का नाती होने के नाते मिली: बीरेंद्र सिंह

punjabkesari.in Sunday, Dec 17, 2017 - 11:57 AM (IST)

सफीदों(प्रवीन): केंद्र में मंत्री की कुर्सी मुझे जनता के सहयोग से नहीं, बल्कि सर छोटूराम का नाती होने के नाते मिली है। यह बात केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कही, ये बात उन्होंने उपमंडल के साहनुपर गांव में भाजपा नेता नरेंद्र घनघस द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में जनसभा को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर भाजपा नेता नरेंद्र घनघस और इलाके के लोगों ने उनका फूलों की बड़ी माला, पगड़ियों और सिरोपों से अभिनंदन किया। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझे सिर्फ इतना जानते थे कि मैं कांग्रेस पार्टी का बहुत बड़ा नेता हूं और वहां से भाजपा में शामिल हुआ हूं। जब उन्होंने मेरा परिचय प्राप्त किया और मैंने बताया कि मैं सर छोटू राम का नाती हूं, 45 बरस की राजनीति में सब कुछ बना और कई सी.एम. अपनी कलम से बनाएं, तो उन्होंने मुझे विशेष सम्मान दिया और आज मैं पी.एम. नरेंद्र मोदी की टीम का विशेष हिस्सा हूं। 

उन्होंने अपनी टीस जाहिर करने के अंदाज में कहा कि हरियाणा की खासकर जींद की जनता कभी ठीक से फैसले नहीं करती। जब चुनावों के दौरान फैसले लेने की बात आती है तो यहां की जनता बाहर के लोगों को अपने सिर पर बैठा लेती है। जब भी मैंने जनता से राजनीतिक सहयोग मांगा, तभी यहां के लोगों ने सदैव उलटा किया। उन्होंने कहा कि आज जिले में जाति-पाति की राजनीति हावी है। अपनी जात की वोट का हिसाब लगाकर ही उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरते हैं और राजनीति में पैसे का मोटा खेल हो गया है। जाति-पाति की राजनीति किसी भी इलाके के लिए बहुत बड़ा खतरा होती है। आज समाज को जाति-पाति व बिरादरी से ऊपर उठने की आवश्यकता है। उन्होंने ङ्क्षचता जाहिर करते हुए कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्र में जोत घटती जा रही है। पहले परिवार इकट्ठा हुआ करते थे तथा जमीने भी इकट्ठी थी। अब जब परिवार अलग-अलग हो रहे हैं तो जमीने भी बंटती जा रही है। वह दिन भी अब दूर नहीं, जब गांवों में युवाओं को गजो में जमीन बंटवारे में आएगी। 

बीरेंद्र सिंह ने किसान वर्ग और ग्रामीण युवाओं से कहा कि वह केवल खेत की जमीन के भरोसे पर न बैठें और रोजगार के नए अवसर तलाश करें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि रोजगार का मतलब सरकारी नौकरी न समझें। इतनी सरकारी नौकरियां नहीं हैं कि प्रदेश के तमाम बेरोजगारों को वह मिल सके। युवाओं को सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट सैक्टर में भी हाथ आजमाना चाहिए। जीवन को बेहतर बनाने के लिए अच्छी पढ़ाई व बढिय़ा सोच की आवश्यकता होती है। शहरों की बजाए ग्रामीण स्तर पर पढ़ाई का स्तर कमजोर है। ग्रामीण बच्चे शहरों के बच्चों के साथ कम मुकाबला कर पाते हैं, उसका मुख्य कारण उनमें हीन भावना है। प्रदेश के युवाओं को पढ़ाई और खेलकूद में भाग लेकर अपने भविष्य को उज्जवल बनाना होगा। हरियाणा के साथ लगते पंजाब प्रांत के 25 लाख परिवारों के बच्चे विदेशों में है। पंजाब के गरीब और अमीर हर किसी में एक ही सोच है कि उन्होंने अपने बच्चों को कामयाब बनाना है। उसी का नतीजा है कि पंजाब के बच्चे विदेशों में रोजगार अपनाकर वहां से धनार्जन करके अपने परिवारों को भेजते हैं लेकिन हरियाणा में उलटा है। यहां के लोग अपने बच्चों को बाहर पढ़ाई, खेल व रोजगार के लिए बाहर भेजकर राजी नहीं हैं। 

उन्होंने किसान वर्ग से कहा कि अब खेती के भरोसे गुजारा नहीं है और वे अपने बच्चों को तो बाहर निकाले ही साथ ही साथ अपने देश की दौलत में हिस्सा करें। दौलत में हिस्सा व्यापार करने व कारखाने लगाने से होगा। देश में दौलत कुछ लोगों के हाथों तक सीमित है और हम रोजगार के अवसर तलाशकर या उद्योग लगाकर उस दौलत में हिस्सा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में शिक्षा व चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। स्कूलों में अच्छी पढ़ाई नहीं है और अस्पतालों में डॉक्टर नहीं मिलते है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि अब हर साल 60 हजार डाक्टर जनता को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ईमानदार सरकार चल रही है और उनके कुशल नेतृत्व के कारण गुजरात व हिमाचल में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनेगी।


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