ठंड से बचने के लिए चलाते हैं हीटर तो ये भी जान लें, लापरवाही से खराब हो सकती है सेहत

punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2019 - 03:58 PM (IST)

बापौली (पंकेस) : लगातार बढ़ रही ठंड व धुंध के मौसम में गाडिय़ों में हीटर चलाना आम बात है। कार में हीटर चलाने में सावधानी बरतनी जरूरी है। ठंड से बचने के चक्कर में लोगों द्वारा कई बार ऐसी लापरवाही बरती जाती है जो स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, जान के लिए भी घातक साबित हो सकती है। कार में हीटर चलाने का सही तरीका अपनाकर व सावधानियां बरतकर ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है। सी.एच.सी. के चिकित्सक डा. सुदेशपाल ने बताया कि कार में लम्बे समय तक हीटर चलाने से ऑक्सीजन की कमी, आंखों में जलन, सूखापन, सिरदर्द व श्वास से सम्बंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 

अक्सर देखा जाता है कि सर्दी व धुंध के मौसम में सैर-सपाटे व अन्य कार्यों के लिए वाहनों में यात्रा करने वाले लोग सर्दी से बचने के लिए गाडिय़ों में हीटर चला लेते हैं। वाहनों में चलाया जाने वाला हीटर कार के अंदर की हवा जलाकर गर्मी उत्पन्न करता है। इसे कंबशन प्रक्रिया कहते हैं। लोगों को कार में हीटर चलाते समय हवा के वैंटीलेशन को हमेशा बाहर की तरफ रखना चाहिए। 

इससे बाहर की हवा कार में आती रहे और हीटर उसी हवा के कंबशन से गर्मी बनाता रहे। लम्बे समय तक हीटर को चालू नहीं रखना चाहिए। कार के अंदर हवा व ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखने के लिए हीटर को बीच-बीच में बंद करते रखना चाहिए। थोड़ी देर के लिए कार की खिड़की में लगे शीशों को खोलते रहना चाहिए। बच्चों को अकेला कार में न छोड़ें। 

कई बार देखा जाता है कि कुछ लोग किसी कार्य को निपटाने के लिए बच्चों को कार में अकेला छोड़कर चले जाते हैं। ये लोग कार के शीशों व खिड़कियों को लॉक कर चले जाते हैं। इस तरह से बच्चों को गाड़ी में अकेला छोड़कर जाना खतरनाक साबित हो सकता है। चिकित्सकों की मानें तो सर्दी के मौसम में गाड़ी में हीटर चलाकर छोडऩे से अंदर का तापमान बढ़ जाता है जिससे कार में मौजूद बच्चे बेहोश तक हो सकते हैं। इस स्थिति में बच्चों को यदि जल्दी न संभाला जाए तो उनकी जान तक जा सकती है।


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Isha

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