धागा फैक्ट्री में आग लगने का मामला: जिदंगी की जंग हारा 8 दिन पहले झुलसा श्रमिक, मौके पर जिंदा जले थे 2 मजदूर
punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2024 - 03:53 PM (IST)

पानीपत (सचिन शर्मा) : पानीपत जिले के इसराना उपमंडल में स्थित में गुप्ता धागा फैक्ट्री में 8 दिन पहले लगी आग में झुलसे एक और श्रमिक की मौत हो गई। हादसे में दो श्रमिक मौके पर ही जिंदा जल गए थे जबकि तीन बुरी तरह झुलस गए थे। इन झुलसे हुए में एक और श्रमिक ने इलाज के दौरान आज दम तोड़ दिया। हालांकि इस मामले में घटना की अगली सुबह मृतक परिवार वालों के बयानों पर फैक्ट्री मालिक पर केस दर्ज हो चुका है। लेकिन तीन मौत हो जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपी फैक्ट्री मालिक की गिरफ्तारी नहीं की है।
4 बच्चों का पिता था मृतक
मृतक की पहचान 31 वर्षीय काबिल के रूप में हुई है। वह उत्तर दिनाजपुर, पश्चिक बंगाल का रहने वाला था। वह चार बच्चों का पिता था, जोकि हाल में इसराना थाना क्षेत्र में रहता था। मृतक के शव को सिविल अस्पताल लाया गया। जहां परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस आगामी कार्रवाई कर रही है।
20 साल से चल रही यह फैक्ट्री
जानकारी के मुताबिक यह घटना इसराना उपमंडल के अंतर्गत गांव बलाना की थी। जहां शिव फैब्रिक (गुप्ता धागा फैक्ट्री) नाम की धागा फैक्ट्री है। यह फैक्ट्री करीब 20 साल से चल रही है। 8 दिन पहले देर रात करीब साढ़े 12 बजे यहां संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। इसके बाद चंद सेकेंड में ही आग बढ़ गई।
वहीं फैक्ट्री के मालिक ने बताया है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी। इसके बाद फैक्ट्री में रात के समय मौजूद 2 कर्मचारी जिंदा जलकर मर गए थे। मृतकों की पहचान सुमित और तसमिल के रूप में हुई थी। आग ने बिल्डिंग और माल के साथ मशीनों को भी नुकसान पहुंचाया है। दोनों मृतकों में से एक सुमित (32) गांव सौंदापुर का रहने वाला था। वह 2 बेटों का पिता था। उसके बड़े भाई की मौत करीब 11 साल पहले बीमारी के कारण हो गई थी। इसके 2 साल बाद उसकी मां का भी देहांत हो गया था। फिर 1 साल बाद पिता की भी कैंसर से मौत हो गई। सुमित की 2 बहनें हैं, जिनका वह इकलौता भाई था। वह अक्सर फैक्ट्री में नाइट शिफ्ट में काम पर रहता था। बताया जा रहा है कि करीब 3 साल पहले इसी फैक्ट्री में काम करने के दौरान उसका मशीन में हाथ आ गया था, जिससे उसके बाएं हाथ की पांचों उंगलियां कट गई थीं। सुमित का पत्नी के साथ मनमुटाव रहता था, इसलिए लंबे समय से वह मायके में रह रही है। इस समय सुमित अपनी बहन के पास गांव पलड़ी में रह रहा था।
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