Paris olympics 2024: हरियाणा की प्रीति पवार Boxing के मुकाबले में हारीं, जजों के फैसले पर मचा बवाल

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2024 - 12:37 PM (IST)

भिवानी(अशोक भारद्वाज): Paris Olympics में भारतीय मुक्केबाजों के हाथ लगातार निराशा लग रही है। हरियाणा से मुक्केबाजी में महिला व पुरुष वर्ग को मिलाकर चार खिलाड़ियों में हिस्सा लिया था। लेकिन स्टार मुक्केबाज अमित पंघाल की हार के बाद अब प्रीति पंवार में हार गई हैं। अमित के बाद प्रीति पंवार से मुक्केबाजी में भारत को मेडल की उम्मीद थी, लेकिन वह हार कर अंतिम 16 के राउंड में हार गईं। प्रीति पवार को कलंबिया की मुक्केबाज ने हराया है। 

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इस हार के साथ ही प्रीति पवार का पेरिस ओलंपिक में खत्‍म में सफर खत्‍म हो गया। प्रीति को कोलंबिया की येनी एरियस के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 20  साल की भारतीय मुक्‍केबाज 3: 2  के विभाजित निर्णय में मुकाबला हार गईं। इस मैच के बाद रिजल्‍ट पर बवाल मच गया है। काफी संख्‍या में भारतीय फैंस ने सोशल मीडिया पर जजों के स्‍कोरिंग सिस्‍टम को लेकर नाराजगी जाहिर की। 

Well Played, You gave your complete efforts🙌 pic.twitter.com/rwXi2ISDGg

— The Khel India (@TheKhelIndia) July 30, 2024

This biased judging will take so much away from the athletes like #Preeti who
just dominated the seed 2 in rd 2 & rd 3!! https://t.co/No4zcyrdoR

— Gaurav G. Gullaiya (@Gaurav_Gullaiya) July 30, 2024

 

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भिवानी के 20 वर्षीय प्रीति 54 किलोग्राम भारवर्ग में खेलती हैं। वर्ष 2017 में मुक्केबाजी शुरू करने वाली प्रीति पंवार मात्र छह: साल के अपने मुक्केबाजी कैरियर में ओलंपिक तक पहुंचने में सफल हो पाई है। इसके पीछे उनका मुक्केबाजी के प्रति बेहतरीन डेडीगेशन है। ओलंपिक के यह मुकाबले 11 अगस्त तक चलेंगे। प्रीति पंवार के परिजनों के साथ देशवासियों को पूरी उम्मीद है कि प्रीति पंवार देश के लिए पैरिक ओलंपिक से गोल्ड मेडल लेकर लौटेगी।

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प्रीति पंवार के चाचा व कोच विनोद ने बताया कि प्रीति पंवार प्रतिदिन छह: से नौ घंटे तक बॉक्सिंग की ट्रेनिंग करती रही है तथा अपनी डाईट का ध्यान रखने के साथ ही प्रति सप्ताह 55 से 60 घंटे उन्होंने बॉक्सिंग रिंग में बिताए। प्रीति का मुक्केबाजी के प्रति रूझान को लेकर उनके चाचा कहते है कि वह बॉक्सिंग रिंग को अपना मंदिर मानती है तथा इसी रिंग में वह मेहनत करती रही हैं, जिसके चलते वह ओलंपिक तक पहुंची हैं। प्रीति पंवार ने 14 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू की थी। प्रीति पंवार के पारिवरिक बैकग्राऊंड में उनके दादा, परदादा जहां पहलवान रहे, वहीं उनके पिता सोमबीर कबड्डी के खिलाड़ी रहे। परन्तु उनके चाचा विनोद जो मुक्केबाजी के कोच हैं, उनकी देखरेख में मुक्केबाजी के गुर सीखे तथा वह पैरिक ओलंपिक तक पहुंच पाई।

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प्रीति के पिता हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर है व माता गृहणी है। प्रीति पंवार ने 2019 में नेशनल स्कूल गेम्स में गोल्ड मैडल जीता। 2021-22 में खेलो इंडिया में सिल्वर व गोल्ड मैडल प्राप्त किए। वह दो बार राष्ट्रीय खेलों में गोल्ड मैडल ले चुकी है। 2021 के एशियन खेलों में सिल्वर मैडल, चाईना में हुई 2022 की एशियन चैंपियनशिप में ब्रांज मैडल ले चुकी है। प्रीति के चाचा व कोच विनोद का मानना है कि अभी तक दक्षिण भारत की मुक्केबाज मैरीकॉम व लवलीना ही देश के लिए ओलंपिक जैसी प्रतियोगिता के लिए मैडल ला पाई है। उत्तर भारतीय महिला बॉक्सरों में मैडल लाने का रिकॉर्ड प्रीति पंवार जरूर बनाएंगी।

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प्रीति के दादा महेंद्र सिंह बताते है कि उनकी पोती दीपावली के दिन पैदा हुई थी तथा प्रीति पंवार के रूप में लक्ष्मी हमारे घर आई थी। वे खुद व उनके पिता ने पहलवानी में अच्छा नाम कमाया, परन्तु उनकी पौती ने उनसे भी आगे बढक़र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाकर इतिहास रचने का काम किया।  

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Content Editor

Saurabh Pal

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