PWD ने किसान की जमीन पर बनाई सड़क, किसान ने दी आत्मदाह की चेतावनी
punjabkesari.in Monday, Oct 13, 2025 - 07:52 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): अब तक आपने आम लोगों का सरकारी जमीन पर कब्जा करते तो देखा और सुना होगा, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक सरकारी विभाग किसी निजी जमीन पर कब्जा कर रहा है। इस जमीन का उपयोग सड़क बनाने के लिए किया जा रहा है और इस सड़क का फायदा केवल बिल्डर को ही मिलेगा। यह बात हम नहीं बल्कि एक पीड़ित किसान बोल रहा है।
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दरअसल, यह विवाद बसई से धनकोट की तरफ जाने वाली रोड का है जो काफी लंबे समय से चला आ रहा है। किसान का आरोप है कि करीब पांच दशक से भी अधिक समय से लोक निर्माण विभाग ने उनकी जमीन पर कब्जा कर रोड बना दी। जमीन के न तो वह मालिक हैं और न ही खुदकाश्त अर्थात उपयोगकर्ता हैं, लेकिन अवैध रूप से अधिकारियों ने इस पर रोड बना दी और उन्हें मुआवजा तक नहीं दिया गया। हालांकि उनकी इस जमीन से लगती करीब डेढ़ एकड़ जमीन को अधिग्रहित तो किया गया था, लेकिन उसका मुआवजा भी आज तक नहीं दिया गया जिसके कारण कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के ऑफिस को सील करने के साथ ही उसकी नीलामी के भी आदेश दे दिए थे। अब अधिकारियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। वहीं, पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मनमानी से खफा होकर आज किसान ने अपनी जमीन पर पोल लगवाकर निशानदेही की है।
पीड़ित किसान अमित शर्मा की मानें तो विभाग के पास 99 मीटर रोड के लिए जमीन इसी स्थान पर पड़ी हुई है, लेकिन अधिकारी उस जमीन का उपयोग नहीं कर रहे हैं। केवल बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए उनकी जमीन को जबरन हथियाया जा रहा है। दो दिन पहले जब पीडब्ल्यूडी के अधिकारी यहां सड़क निर्माण के लिए आए और उन्होंने अपनी जमीन पर कब्जा करने से रोक दिया तो अधिकारियों ने उल्टा उनके खिलाफ ही धनकोट पुलिस चौकी को शिकायत दे दी। जब पुलिस से उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के पास इस जमीन की मलकियत और अन्य दस्तावेज होने की बात पूछी तो अधिकारियों ने चुप्पी साध ली और उल्टा वापस लौट गए। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए ही अधिकारी उनकी जमीन पर कब्जा कर रोड बना रहे हैं और जनता के करीब 9 करोड़ रुपए लूट रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वह अपनी जमीन पर किसी भी कीमत पर कब्जा नहीं होने देंगे। अगर अधिकारियों ने जबरन उनकी जमीन को हथियाने का प्रयास किया तो वह प्रधानमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह कर लेंगे। वहीं, मामले में जब पीडब्ल्यूडी के एसई मनोज ओला से मिलने उनके कार्यालय गए तो उन्होंने किसी भी विषय पर बात करने से साफ इंकार कर दिया। अधिकारियों के इस रवैये से अधिकारियों की मंशा साफ जाहिर हो रही है। आपको बता दें कि बसई के द्वारका एक्सप्रेसवे से लेकर धनकोट मोड़ तक की सड़क काफी लंबे समय से बंद की हुई है। इस रोड पर पहले से ही विवाद चला आ रहा है। यहां किसानों की जमीन पर ही अवैध रूप से पीडब्ल्यूडी ने रोड बना दी जिसे स्टेट हाइवे का हिस्सा बताया गया है जबकि मौके पर जब जांच की गई तो यह जमीन निजी मलकियत मिली। जबकि पीडब्ल्यूडी का स्टेट हाइवे बताया जाने वाला हिस्सा इस जमीन के साथ लगता हुआ बताया जा रहा है।