पुलिस थानों में होने वाली मारपीट पर नजर रखेगी "थर्ड आई", 9 करोड़ की लागत से लगेंगे सीसीटीवी कैमरा

punjabkesari.in Thursday, Jan 06, 2022 - 11:42 AM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के अंदर अब ऐसी जगह जहां पर पुलिस दोषियों या अपराधियों से पूछताछ करती है वह अब तीसरे नेत्र की दृष्टि में रहेंगे। पुलिस थानों या सीआईए के अंदर होने वाले अमानवीय कार्यों पर अब तीसरे नेत्र के माध्यम से पुलिस के आला अधिकारी तथा माननीय न्यायालयों की दृष्टि रहेगी। हरियाणा के अंदर सभी पुलिस थानों विशेषकर  सीआईए जहां पर विभिन्न मामलों की पुलिस तफ्तीश विभिन्न दोषियों व संधिग्दो से होती हैं। अब ऐसी सब जगह सीसीटीवी कैमरा लगेंगे। माननीय सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार हरियाणा गृह विभाग को आदेश दिए गए हैं की पुलिस इन्वेस्टिगेशन होने वाले सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएं। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान अपने निर्णय में यह लिखा है कि कुछ लोगों द्वारा यह कहा जाता है कि उनसे पुलिस में कथित रूप से मारपीट की।

पुलिस की सब गतिविधियां सीसीटीवी कैमरा की नजर में रहे इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे आदेश पारित किए हैं। हरियाणा के अंदर अब 379 पुलिस थाना तथा 28 सीआईए थानों के अंदर तीसरा नेत्र यानी सीसीटीवी कैमरा पूरी दृष्टि रखेगा। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2020 के अंदर एक मामले में सुनवाई करते हुए विभिन्न राज्यों की पुलिस को यह आदेश दिए गए की पुलिस पर मारपीट ए मानवीय व्यवहार ए जो आरोप लगते हैं इसके दृष्टिगत सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। खासकर जिन पुलिस थानों के अंदर पुलिस इन्वेस्टिगेशन की जाती है वहां पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किया जाए। किसी भी पुलिस थाने के अंदर हॉस्टल 16 प सीसीटीवी कैमरा लगेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन करते हुए एक प्रपोजल बनाकर गृह विभाग व गृह मंत्री हरियाणा को भेजी। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विभाग की भेजी प्रपोजल जिसमें अनुमानित 99 करोड का बजट पूरे हरियाणा में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए प्रस्तावित किया गया है को स्वीकृति दी है। अब आने वाले दिनों में जल्दी ही हरियाणा के सभी पुलिस थानों तथा ऐसे स्थानों जहां पर पुलिस इन्वेस्टिगेशन होती है वहां पर सीसीटीवी कैमरा लगा दिया जाएंगे। अभी तो हरियाणा के अंदर जितने भी पुलिस थाने बने हुए हैं उनके बाहर दृष्टि रखने के लिए तो सीसीटीवी कैमरा अवश्य आला अधिकारियों ने लगवा रखे हैं। लेकिन अब यह सीसीटीवी कैमरा पुलिस थानों के अंदर तथा कमरों वाह ऐसे जगह लगेंगे जहां पर किसी भी दोषी अपराधी से इन्वेस्टिगेशन की जाती है। पुलिस द्वारा किसी भी व्यक्ति से कोई भी अमानवीय व्यवहार ना किया जाए आने वाले समय में सीसीटीवी कैमरा काफी कारगर साबित हो सकते हैं।

दिसम्बर 2020 में क्या हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की अगुवा‌ई वाली बेंच ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सुनिस्चित करे कि हर पुलिस थाने में सीसीटीवी लगाए जाएं। और थाने का कोई भी एरिया सीसीटीवी के कवरेज से बाहर न रहे। सभी एंट्री और एग्जिट पर सीसीटीवी की नजर होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि मेन गेट के अलावा सभी लॉकअप में सीसीटीवी होने चाहिए। देश भर के थानों में सीसीटीवी लगाने का सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि सही भावना से कोर्ट के आदेश को लागू कराया जाए। थाने का एसएचओ तमाम डाटा और सीसीटीवी के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा और एसएचओ इस बात को सुनिश्चित करेगा कि सीसीटीवी वर्किंग कंडिशन में रहे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह सीबीआई, ईडी, एनआईए, एनसीबी, डीआरआई, सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन आदि के दफ्तर में भी सीसीटीवी लगाए जाएं।

लॉकअप से लेकर थाने के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाए जाएं
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की अगुवा‌ई वाली बेंच ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सुनिस्चित करे कि हर पुलिस थाने में सीसीटीवी लगाए जाएं। और थाने का कोई भी एरिया सीसीटीवी के कवरेज से बाहर न रहे। सभी एंट्री और एग्जिट पर सीसीटीवी की नजर होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि मेन गेट के अलावा सभी लॉकअप में सीसीटीवी होने चाहिए। साथ ही सभी कोरिडोर, लॉबी, रिसेप्सन, इंस्पेक्टर के कमरे, सब इंस्पेक्टर के कमरे, ड्यूटी रूम और थाने के कैंपस भी सीसीटीवी के निगरानी में रहेगा। सीसीटीवी नाइट विजन वाला होना चाहिए और इसमें विडियो और ऑडिटो फूटेज हो। जहां भी देश भर में थाने में नेट और बिजली की उपलब्धता नहीं है वहां बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की होगी। बिजली के लिए सोलर और विंड इनर्जी की व्यवस्था की जाए। सीसीटीवी ऐसी हो को क्लियर विजन वाला हो और सीसीटीवी का डिजिटल विडियो रेकॉर्डर हो। सीसीटीवी का डाटा 18 महीने तक प्रिजर्व हो ऐसी व्यसव्था की जाए।

बाजार के सबसे उम्दा सीसीटीवी लगें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बाजार में 18 महीने तक डाटा प्रिजर्व करने वाला उपकरण उपलब्ध न हो तो राज्यों को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि वह सबसे ज्यादा समय तक प्रिजर्व करने वाला उम्दा किश्म के सीसीटीवी की व्यवस्था करें। लेकिन रेकॉर्डिंग एक साल से कम वाला न हो। साथ ही राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हलफनामा दायर कर बताएं कि उन्होंने सबसे उम्दा किस्म के सीसीटीवी बाजार से लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां भी थाने में किसी के साथ बल प्रयोग किया गया हो कोई जख्मी हो गया हो या कस्टोडियल डेथ का मामला हो तो वह शिकायत कर सकता है। शिकायत न सिर्फ एनएचआरसी में बल्कि ह्ययूमैन राइट्स कोर्ट के सामने शिकायत की जा सकती है। कमिशन या कोर्ट थाने से सीसीटीवी फूटेज के लिए समन कर सकता है। जांच एजेंसी के लिए सीसीटीवी फूटेज संरक्षित किया जाएगा।

सीबीआई से लेकर ईडी के दफ्तर में भी लगे
थाने के अलावा सीबीआई, एनआईए, ईडी, एनसीबी, डीआरआई, आदि में लगाया जाए। थाने में सीसीटीवी लगाए जाने के बारे में इंग्लिश और हिंदी के अलावा स्थानीय भाषा में जानकारी उपलब्ध हो कि सीसीटीवी के निगरानेी में हैं। ये बात साफ है कि आम आदमी को अधिकार है कि उसके मानवाधिकार की रक्षा हो। ह्यूमैन राइट्स के उल्लंघन के मामले में एनएचआरसी के अलावा ह्यूमैन राइट्स कोर्ट, अन्य संंबंधित अथॉरिटी और एसपी के सामने भी शिकायत हो सकती है। सीसीटीवी फूटेज छह महीने संरक्षित रखा जाए। 

एसएचओ पर रखरखाव की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार मिला हुआ है और साथ ही संवैधानिक अधिकार है। इसी अधिकार के संरक्षण के लिए ये तमाम आदेश पारित किए गए हैं। 3 अप्रैल 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित किया था लेकिन अभी तक कुछ खास नहीं हो पाया है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का मौजूदा सरकार और संबंधित अथॉरिटी सही भावना से लागू कराए। डीजी को निर्देश दिया जाता है कि एसएचओ को निर्देश दे कि इस बात को सुनिश्चित करे कि सीसीटीवी वर्किंग कंडिशन में हो और एसएचओ डाटा और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा।


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Content Writer

Isha

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