कार्यकर्ता सम्मेलन में भी दिखा गुटबाजी का नजारा

punjabkesari.in Sunday, Mar 24, 2019 - 11:13 AM (IST)

फरीदाबाद (महावीर): कांग्रेस बेशक पार्टी में गुटबाजी की बात को सिरे से नकार रही है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। नई दिल्ली मुख्यालय पर आयोजित कांग्रेस समन्वय समिति के पहले कार्यकत्र्ता सम्मेलन में ही गुटबाजी का नजारा दिखाई दिया। कांग्रेस के नेता व कार्यकत्र्ता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी गुलाम नबी आजाद की मौजूदी में भी एकता नहीं दिखा पाए और अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारे लगाते रहे। गुटबाजी का आलम यह रहा कि कार्यकत्र्ता केवल अपने नेता के संबोधन के बाद ही तालियां बजाते नजर आए तथा सम्मेलन में लेकर आए वाहनों पर ही अपने नेताओं का ही फोटो लगाया था। हालांकि इस गुटबाजी को गुलाम नबी आजाद भी भांप गए और उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से गुटबाजी खत्म करने का सख्त संदेश दिया। 

बेशक, हरियाणा में कांग्रेस में गुटबाजी को समाप्त करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा कांग्रेस की समन्वय समिति गठित कर दी है परंतु गुटबाजी को समाप्त करना कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज नई दिल्ली स्थित कांग्रेस के मुख्यालय में समिति के पहले ही कार्यकत्र्ता सम्मेलन में देखने को मिला। राहुल गांधी के दबाव के चलते बेशक पूर्व सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में प्रदेश के कांग्रेस के तमाम बड़े नेता एक मंच पर आ गए हैं परंतु उनके बीच मतभेद कम होते नजर नहीं आ रहे।

सूत्रों की मानें तो गुटबाजी के कारण 26 मार्च को फरीदाबाद से शुरू होने वाली कांग्रेस की बस यात्रा का रूट बदल दिया गया और अब इसकी शुरूआत गुरुग्राम से होगी। अब फरीदाबाद में यह यात्रा 31 मार्च को पहुंचेगी। हरियाणा में कांग्रेस गुटबाजी को पूर्व सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंच से यह कहकर प्रमाणित कर दिया कि प्रदेश का मामला काफी उलझा हुआ था जोकि गुलाम नबी आजाद ने आकर सुलझाया है। हुड्डा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद इतने उलझे हुए मामले को इतनी जल्दी सुलझा लेंगे, इसका किसी को अनुमान नहीं था। हुड्डïा ने यह भी दोहराया कि गुलाब नबी आजाद  यदि 6 माह पूर्व यह जिम्मेदारी संभाल लेते तो अब तक प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक हो चुका होता। 

जिसके नारे लगाए, उसका टिकट कटा समझो
गुलाम नबी आजाद के समक्ष कार्यकत्र्ताओं द्वारा अपने नेताओं के नारे लगाने पर गुलाम नबी आजाद काफी सख्त नजर आए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि किसी कार्यकत्र्ता ने पार्टी के राष्ट्रीयध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी व कांग्रेस पार्टी के अलावा किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत नारे लगाए तो उसका टिकट कटा समझो, यानी उस नेता का टिकट काट दिया जाएगा। गुलाम नबी आजाद की यह बात सुनकर कार्यकर्ताओं ने नारे लगाने तो बंद कर दिए परंतु अपने नेता के संबोधन पर तालियां बजाना नहीं बंद किया। ऐसे में कांग्रेस की एकता की पोल खुलकर पुन: सामने आ गई। 

जोश में दिखाई दिए हुड्डा समर्थक 
कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित कार्यकत्र्ता सम्मेलन में सबसे अधिक जोश हुड्डा समर्थकों में दिखाई दिया, बल्कि सबसे अधिक समर्थक पूर्व सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा के आए हुए थे। भूपेंद्र हुड्डा को को-आॢडनेशन कमेटी का चेयरमैन बनाने के बाद हुड्डा समर्थक काफी उत्साहित थे। जब भी मंच से भूपेंद्र व दीपेंद्र हुड्डा का नाम लिया जाता, तो कार्यकत्र्ता तालियां बजाने लगाते। हालांकि इससे अन्य नेताओं में अप्रत्यक्ष रूप से रोष नजर आ रहा था परंतु वे अपना रोष चाहकर भी जाहिर नहीं कर पाए। 


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kamal

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