कब खत्म होगी सांसों की लड़ाई, तीन दिन में पॉजिटिव मरीजों की संख्या पहुंची 15 सौ के करीब
punjabkesari.in Sunday, May 02, 2021 - 12:11 PM (IST)
महेंद्रगढ़/नारनौल (योगेंद्र सिंह) : कोरोना बेकाबू हो रहा है, मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तो दिल्ली-गुरुग्राम जैसे हालात महेंद्रगढ़-नारनौल में बन रहे हैं। हालात यह है कि मरीजों के लिए भगवान रूपी डॉक्टर भी ऑक्सीजन किल्लत के सामने लाचार नजर आ रहे हैं। सांसों की लड़ाई के लिए लोग एक-दूसरे से लडऩे पर अमादा है लेकिन सरकार अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। रेवाड़ी जिले के लिए वहां के सांसद राव इंद्रजीत सिंह के प्रयास से ऑक्सीजन का कोटा बढ़ गया लेकिन महेंद्रगढ़ जिले के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रहा है। हालत यह है कि कई हॉस्पिटलों ने ऑक्सीजन कमी के चलते मरीज भर्ती करने से इंकार कर दिया है। डॉक्टर खुद प्रशासन के सामने ऑक्सीजन के लिए गुहार लगा रहे हैं लेकिन कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
पिछले चार-पांच दिन से देश सहित जिले में ऑक्सीजन की किल्लत है, एक-एक सिलेंडर के लिए लोगों में भगदड़ की स्थिति बनी हुई है। कब किस हॉस्पिटल की ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी और कितने मरीजों की जान पर बन जाएगी यह कोई नहीं जानता। हॉस्पिटल चलाने वाले चिकित्सकों के लिए यह समय सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। महेंद्रगढ़ जिले में तीन दिन में पॉजिटिव मरीजों की संख्या करीब 15 सौ के करीब पहुंच गई। इससे साफ है कि अब बड़े शहरों जैसे हालत ग्रामीण एरियों के भी बनने लगे हैं। मरीजों की संख्या बढऩे के साथ ही ऑक्सीजन की डिमांड भी बढऩे लगी है। जबकि ऑक्सीजन की सप्लाई जिले में इस समय करीब एक एमटी हो रही है। जबकि इस समय जिले की जरूरत करीब चार एमटी है। डॉ लगातार प्रशासन से गुहार लगाकर ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन हालात यह है कि कहीं पर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
मरीज की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा चिकित्सक के बजाए नेता-अधिकारियों पर क्यों नहीं निकलता
डॉक्टर अपने हॉस्पिटल को लेकर चिंता में है, ऑक्सीजन नहीं मिलने की स्थिति में मरीजों की जान जा सकती है। यदि ऐसा हुआ तो मरीज के परिजनों का गुस्सा चिकित्क पर फूटेगा। चिकित्सकों को अपनी और स्टॉफ का डर सता रहा है। डा. रवि मलिक कहते हैं कि ऑक्सीजन नहीं मिलने के लिए हम कैसे जिम्मेदार हैं। मरीज के परिजन कभी प्रशासनिक अधिकारी के दफ्तर या नेताओं के यहां अपना गुस्सा निकालते हैं। जबकि ऑक्सीजन का इंतजाम इन्हें ही करना है और यदि किसी की ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत होती है, तो यह अपराधिक कृत्य है।
ऑक्सीजन नहीं तो हम कैसे भर्ती करें मरीज को
महेंद्रगढ़ के डॉ विनीत कहते हैं कि हमारी मजबूरी ना तो प्रशासन, सरकार ना ही लोग समझ रहे। जब ऑक्सीजन नहीं है, तो हम कैसे मरीजों को अपने यहां भर्ती करें। भर्ती कर लें और ऑक्सीजन नहीं मिलने से उसे कुछ हो जाएगा तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। मरीज के परिजनों का गुस्सा तो हमें ही झेलना होगा। सरकार को तुरंत प्रभाव से जिले का कोटा बढ़ाना चाहिए। आने वाले समय में डिमांड बढऩे से ऑक्सीजन ओर अधिक मात्रा में लगेगी।
यहां के लिए कोई आवाज बुलंद कयों नहीं करता
डा. ओमप्रकाश का कहना है कि रेवाड़ी में जब ऑक्सीजन का कोटा बढ़ सकता है, तो फिर महेंद्रगढ़ का कयों नहीं बढ़ सकता। रेवाड़ी का प्रशासन एवं सांसद सहित अन्य नेता लगातार प्रयास कर रहे हैं जबकि यहां कोई कुछ बोलने को ही तैयार नहीं है। यही हाल रहा तो रेवाडी या फिर बत्रा हॉस्पिटल वाली घटना यहां भी घट सकती है। आज तो हॉस्पिटल संचालन करने से ही डर लगने लगा है।
मंत्री-विधायक सब मौन, मरीज कहां जाए
प्रदेश सरकार के मंत्री इसी जिले से आते हैं लेकिन अभी तक उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। स्थानीय लोगों का गुस्सा किसी दिन भी सडक़ पर आकर फूट सकता है। मंत्री व विधायक कोरोना जंग में कहीं नजर ही नहीं आ रहे, इससे तो लगता है कि सभी ने लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। विवेक यादव, विनीत कहते हैं कि हम अपने वोट देकर नेताओं को इसलिए जीताते हैं कि जरूरत के समय वह लोगों की मदद करेंगे लेकिन आज क्षेत्र के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
सीएम से बात की, जल्द ऑक्सीजन मिलेगी जिले को-अभय सिंह
नांगल चौधरी विधायक अभय सिंह यादव ने बताया कि यह संकट का समय है और इस समय लोगों को संयम, धर्य के साथ अपने घरों में रहना चाहिए। रही बात ऑक्सीजन की तो उसके लिए आज ही सीएम मनोहरलाल खट्टर एवं उनके प्रधान सचिव से बात की है। आज रात तक ऑक्सीजन का इंतजाम हो जाएगा। बावजूद इस समय लोगों को कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करना चाहिए। सरकार लगातार अपने स्तर पर काम कर रही है।
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