भ्रष्टाचार कहीं नहीं हुआ, कांग्रेस व इनेलो की बात हरियाणा में कोई नहीं मानता : कंवर पाल गुर्जर

punjabkesari.in Thursday, Aug 27, 2020 - 12:26 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा का मानसून सत्र इतिहास का सबसे अनौखा मानसून सत्र रहा। क्योंकि आज तक हिन्दूस्तान के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ कि मुख्यमन्त्री और स्पीकर की गैरमौजूदगी में सदन चला हो। लेकिन हरियाणा में इस बार ऐसा ही हुआ। इस मौके पर उपमुख्यमन्त्री ने मुख्यमन्त्री की जिम्मेदारी निभाई और डिप्टी स्पीकर ने स्पीकर की। इस सदन के बाद पंजाब केसरी के विशेष प्रतिनिधि चन्द्रशेखर धरनी ने शिक्षा मन्त्री एवं पूर्व विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुज्जर से विशेष मुलाकात की और सदन पर चर्चा की। जिसके कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैंः-

प्रश्न : सैशन एक दिन का रहा। काग्रेंस के युवा विधायक मास्क पर कोरोना में भ्रष्टाचार लिख कर आए और आरोप लगा रहे थे सदन के अन्दर ?
उतर : जिस टाईम सैशन बुलाया गया तब की स्थिति और आज की स्थिति में काफी अंतर है। उस समय सरकार की तरफ से प्रस्ताव गया कि 2 दिन हाउस चलाना चाहते हैं। इतनी हमारे पास बिजनैस है। विपक्ष के नेता हमेशा हमें कहते हैं कि हमारे पास मुद्दे हैं हम उस पर चर्चा करना चाहते है और हमेशा समय बढता है। उसमें कोई पहली बार नही है। पिछले 5 साल में भी हमारी सरकार के समय हर बार समय बढता था। अबकी बार भी अगर विपक्ष कहता तो समय बढता। लेकिन जिस प्रकार से अचानक परिस्थितियां चेंज हुई। मुख्यमंत्री साहब, स्पीकर, बढी संख्या में विधायक और 11 सुरक्षाकर्मी कोरोना पाजिटिव पाए। तो सभी लोग सोच में पढ गए। सरकार की जिम्मेदारी इस मौके पर सभी को सुरक्षित रखने की भी है। नेता प्रतिपक्ष भी इसी बात से सहमत थे। उन्होने कहा कि आप जो भी जरूरी काम हैं करें। उसके बाद दोबारा सैशन बुला लेना। बाकि बातों पर बाद में डिसकशन कर लेगें। 6 माह में सदन बुलाना जरूरी होता है इसलिए इसे पोस्टपोन नही किया जा सकता था।

प्रश्न : अधिकतर काग्रेंसी विधायकों के मास्क पर कोरोना में भ्रष्टाचार लिखा देखा गया। इसे आप किस नजरिए से देखते है ?
उतर : भ्रष्टाचार कहीं नही हुआ। इनकी बात हरियाणा में कोई नही मानता। ये हर बार हाउस में नारे लगाते हैं। अब भी 8 महीने से सरकार चल रही है पहले भी 5 साल चली। हर बार इसी प्रकार का माहौल बनाने की कोशिश की जाती है लेकिन आज तक विपक्ष एक भी इस प्रकार की बात को सिद्ध नही कर पाया। रजिस्ट्री को सरलीकरण बनाने के लिए मुख्यमन्त्री ने आनलाईन रजिस्ट्री शुरू की। उसके बाद भी उसमें सुधार की जरूरत दिखी। जिसके लिए 15 दिन के लिए रजिस्ट्री बन्द कर दी गई। ताकि रजिस्ट्रियों में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो सके। जांच भी हो रही है। इस मामले में जिस भी अधिकारी की अनियमितता पाई गई है या पाई गई उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। वहीं दूसरी तरफ शराब के मामले में मुख्यमन्त्री और गृहमन्त्री ने स्वंय कहा कि एक ऐसा ही मामला हमारे पकड में आया है लगता है कुछ गलत हो रहा है। जिसमें स्वंय एस.आई.टी. का गठन हुआ। जांच चल रही है। विपक्ष को तो कुछ पता ही नही था। हमारे मुख्यमन्त्री को जंहा भी संदेह होता है उसी की जांच करवा रहे हैं। बाद में विपक्ष नम्बर बनाने के लिए शोर मचाता है।

प्रश्न : फाईनल ईयर के पेपरों को लेकर काग्रेंस के तेवर सख्त हैं ?
उतर : कोर्ट ने भी इस प्रकार का आदेश दिया है। मेरी व्यक्तिगत राय भी यही है। पेपर होने चाहिए। फाईनल ईयर बहुत इम्पोरटैन्ट हैै। हमने 10वीं, 12वीं के बच्चे पास कर दिए। जब 1 बच्चा डिग्री लेता है वो चाहे बी.ए.की हो, बी.काम. की हो, बी.टैक. की हो या कोई भी हो वो उसके जीवर भर काम आती है। जिसका इस्तेमाल वो पूरी उम्र करता है। हम नही चाहते वो भविष्य में जंहा भी नौकरी के लिए जाए उसे शंका की नजर से देखा जाए। यह सोचा जाए कि कोरोना के कारण पास हुआ होगा। हम नही चाहते उसकी काबलियत पर शक किया जाए। 14-15 साल की मेहनत को पूरा मान-सम्मान मिले इसलिए मुझे कितने भी संसाधन लगाने पडें। मैं लगाउगां ताकि ठीक तरह से पेपर दे और ठीक तरह से उसे डिग्री मिले।

प्रश्न : मुख्यमन्त्री अस्वस्थ हैं और उन्हे सही होने में समय लगेगा। अनिल विज और आप दोनों ही सीनियर मन्त्री हैं तो आप पर भी जिम्मेदारियां बढेगीं ?
उतर : हमारी सरकार में सभी मन्त्री एक परिवार के रूप में प्रदेश की सेवा करते हैं। सभी मन्त्रियों को हमेशा ही जिम्मेदारी रहती है। हम सभी हर मौके पर इक्कठे ही हैं।

प्रश्न :  कोरोनाकाल की पीक टाईम है। चुनौतियों से भरा समय है। लोगों को क्या कहना चाहेगें ?
उतर :  ठीक है पेशैन्ट काफी बढ रहे हैं लेकिन रिकवरी रेट हमारा काफी अच्छा है। जिस प्रकार से हमारी लीडरशिप ने, मुख्यमन्त्री ने और हमारे प्रदेश की जनता ने सहयोग दिया उससे रिजल्ट काफी अच्छे आए हैं। हमारे लोगों की इम्युनिटी काफी अच्छी है। मैं तो यह कहना चाहूंगा कि घबराने की नही जागरूक रहने की जरूरत है। सोशल डिस्टैन्सिंग की जरूरत है। मेरे बेटे को भी कोरोना पाजिटिव पाया गया। इसलिए घबराने की जगह हमें केवल नियमों के पालन की आवश्कता है।

प्रश्न : सदन की कार्यवाही को लेकर काग्रेंस के तेवर तीखे हैं। काग्रेंस ने प्रैस कान्फ्रैन्स कर कहा कि सता पक्ष को बिल पास करवाने की बहुत जल्दबाजी थी ?
उतर : ये कुछ जरूरी बिल थे। आर्डिनैंस लाने के बाद बुलाए गए सैशन में बिल पास करवाना जरूरी होता है। नही तो आर्डिनैंस समाप्त हो जाता है। 8 तो हमारे आर्डिनैंस ही थे। 2 वितीय बिल थे। 10 तो यही हो गए। विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुडा की सहमति से ही सभी पास हुए हैं। जो पंचायतों से सम्बन्धित  2 बिल थे उन पर हुडा जी को एतराज था। वो हमने र्डोप कर दिए। 

प्रश्न : पर्यटन विभाग में क्या नया करने जा रहे हैं।
उतर : 
पर्यटन मंत्री ने बताया कि हरियाणा पर्यटन विभाग ने ‘भारतपी’ कंपनी से एग्रीमेंट किया है जिससे अब पर्यटक ‘यूपीआई’ पर आधारित ‘क्यूआर’ कोड को स्केनिंग करके पेटीएम, गुगल-पे, भीम-यूपीआई, फोन-पे, एचडीएफसी-पेजएप, एसबीआई योनो, टरूकॉलर जैसी 120 से भी अधिक पेमेंट एप्लीकेशनों के माध्यम से विभाग के रिसोर्ट और पेट्रोल पंपों पर अपने बिल का भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा, विभाग में डिजिटलाइजेशन को प्रमोट करने के लिए विभाग के रिसोर्ट तथा पेट्रोल पंपों पर 120 स्वाइप-मशीनें स्थापित की गई हैं।

उन्होंने बताया कि हरियाणा के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के लिए आने वाले पर्यटकों में से अधिकतर पर्यटन विभाग के होटलों, रिसोर्ट आदि में ही ठहरते हैं। वैसे तो विभाग ने ऑनलाइन बुकिंग पहले ही शुरू कर दी थी परंतु जब से विभाग का विश्व प्रसिद्ध ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट्स  से एग्रीमेंट हुआ है तब से हरियाणा पर्यटन विभाग के पर्यटन केंद्रों पर आने व ठहरने वालों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इजाफा हुआ है।कंवर पाल ने बताया कि हरियाणा के पर्यटन विभाग ने समय के अनुसार अपने ढांचे में तकनीकी परिवर्तन भी किए हैं। आधुनिक डिजिटलीकरण युग में अपने आप को ढालकर विभाग ने फेसबुक, ट्वीटर, यू-टयूब, इंस्टाग्राम, गुगल-प्लस जैसे सोशल मीडिया का भी प्रयोग करना आरंभ कर दिया है। यही नहीं भारत के आठ टॉप प्रोजेक्टस में से हरियाणा का ई-टूरिज्म प्रोजेक्ट भी एक रहा जिसकी बदौलत हरियाणा पर्यटन विभाग को ‘स्कॉच ऑर्डर ऑफ मैरिट’ अवाॅर्ड भी मिल चुका है।


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Manisha rana

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